अच्छा लगता है \ इन्द्रजीत कमल

दीवारों से  सर टकराना  अच्छा  लगता है रोते  रोते  ही  मर  जाना अच्चा  लगता है सूरज उगते ही हम इससे तौबा करते हैं 
शाम ढले मयखाने जाना अच्छा लगता है
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